'साब, एक आधी जली हुई बैग मिली है एक कचरे के ढेर में से, जिसके नजदीक ही रेल कि पटरी पर से हमें लाश बरामद हुई थी,' भोलाराम न...
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अध्याय ९: नकली गैराज
इमाम की लैब उर्फ अड्डा उर्फ गैराज तक पहुंचते ही आयुष उन सब चीजों को गौर से देखने लगा, जो अब यहां से भागने में या इमाम से लडने में श...
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अध्याय ८: मौत का सामना!!!
टैक्सी 'आर. जे. 6025' आज होटल ब्ल्यूरूम के बाहर काफी देर से खड़ी थी। टैक्सी ड्राइवर किसी को बिठाने के मूड में हो ऐसा नहीं ...
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अध्याय ७: पोस्टमॉर्टम
"पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक अल्ताफ की मौत सर पे चोट लगने और काफी खून बह जाने की वजह से हुई है।" विजय ने रिपोर्ट को प...
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अध्याय ६: अल्ताफ केस
पुलिस थाने में आज कुछ ज्यादा ही चहल पहल मची थी। कितना भी गुप्त रखने की कोशिश करने पर अल्ताफ की लाश मिली है वाली बात सारे हवालदार त...
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अध्याय 5: तीन टुकड़े लाश के!
"साब, जब मैं पटरी पर लौटे के लिए जा रहा था तभी मैंने इसको यहां पर सोते हुए देखा! मुझे क्या पता था साब की ये लाश है। जब नजदीक ...
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अध्याय 4: कौन?
इमाम अपनी लेबोरटरी में कुछ परीक्षण कर रहा है, ताकि वो जान सके कि ये लाश दरअसल किसकी है! लैब पूरी अंधेरे से भरी हुई है और सिर्फ उसक...
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अध्याय 3: पार्टी
सुनसान सड़क पर आयुष अकेला बैग को घसीटते हुए चला जा रहा है। बीच बीच में एकाध ट्रक या कोई बड़ा वाहन उसके पास से धूल उड़ाता हुआ निकल जाता ...
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अध्याय २: टैक्सी आर. जे. 6025
होटल ब्ल्युरूम की लिफ्ट में डिंग की आवाज़ के साथ जब ग्राउंड फ्लोर पे लिफ्ट का दरवाज़ा खुला, तब तक आयुष खुद को संभाल चुका था। लिफ्ट की स...
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अध्याय १: कमरा नंबर 210
कमरा नंबर 210। "रूम सर्विस, सर।" आयुष ने दरवाजा खटखटाते हुए जोर से कहा। थोड़ी क्षण की चुप्पी के बाद भी आखिर जब अं...
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